Bhojshala Survey: भोजशाला का रहस्य आएगा बाहर? ASI ने हैदराबाद से आधुनिक मशीन मंगाकर शुरू किया सर्वे

Bhojshala ASI Survey Update: एएसआई टीम ने भोजशाला में ऐतिहासिक रहस्यों को गहराई से जानने के लिए नए और एडवांस उपकरणों का उपयोग शुरू कर दिया है. शनिवार (25 मई) से इन उपकरणों से सर्वेक्षण किया जा रहा है.एएसआई ने हैदराबाद से एडवांस ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) मशीनों को मंगवाया है.

इसके साथ धार स्थित भोजशाला में सर्वेक्षण को काफी गति मिली है. सर्वेक्षण के 65वें दिन शनिवार को काम की गति और सटीकता बढ़ाने के लिए चार विशेषज्ञों के साथ इन अत्याधुनिक मशीनों को इस्तेमाल शुरू किया गया, जिसका आज भी उपयोग किया जा रहा है.

एएसआई का उद्देश्य इन आधुनिक उपकरओं के जरिये भोजशाला के पुरातात्विक रहस्यों को गहराई से जानना है. टीम ने शनिवार सुबह सर्वे प्रक्रिया में इन उपकरणों का इस्तेमाल किया जो आज रविवार को भी जारी है. मशीनों को मजदूरों की सहायता से बैंक्वेट हॉल में पहुंचाया गया. इस दौरान 40 मजदूर और 18 एएसआई अधिकारी भोजशाला में काम पर जुटे रहे.

64वें दिन मिले थे दो बड़े अवशेष

इससे पहले भोजशाला में एएसआई की टीम ने 64वें दिन शुक्रवार को उत्तरी दिशा और भोजशाला के अंदर सर्वे का काम किया. मिट्टी हटाने के दौरान दो बड़े आकार के अवशेष मिले हैं. इसे टीम ने सर्वे में शामिल किया है. अब तक मिले अवशेषों और शिलालेखों पर आधारित सैंपल की लिस्टिंग के साथ फोटो और वीडियोग्राफी भी एएसआई की टीम कर रही है.

शुक्रवार को जुमे की नमाज की वजह से महज चार घंटे ही काम हुआ था. टीम सुबह 8 बजे सर्वे करने पहुंची. उत्तरी हिस्से में उत्खनन के दौरान बड़े आकार का स्तंभ का टुकड़ा मिला है. इसे टीम ने सफाई करने के बाद सर्वे में शामिल किया है. भोजशाला के भीतर भी उत्खनन के दौरान एक बड़े आकार का अवशेष मिला है.

फिजिकल एक्जावेशन पर मुस्लिम समाज का विरोध

मुस्लिम समाज के लोग शुक्रवार को जुमे की नमाज में हाथ पर काली पट्टी बांधकर पहुंचे. इसको लेकर शहर काजी वकार सादिक ने कहा कि हम सिर्फ एएसआई के जरिये किए जा रहे फिजिकल एक्जावेशन का विरोध कर रहे हैं.

हिंद पक्ष ने इन मशीनों के उपयोग पर दिया जोर

हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे गोपाल शर्मा ने भोजशाला में छिपे रहस्यों को सामने लाने के लिए इन मशीनों के उपयोग पर जोर दिया था. गोपाल शर्मा ने दावा किया कि उच्च तकनीक वाले इन उपकरणों की मदद से भोजशाला में छिपी सच्चाई उजागर हो सकेगी.

इससे पहले बीते माह अदालत ने 11 मार्च को वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी और अन्य आधुनिक तरीकों के साथ-साथ जीपीआर और जीपीएस तकनीक के उपयोग के निर्देश दिए थे. कोर्ट ने एएसआई को 4 जुलाई तक भोजशाला सर्वे की डिटेल रिपोर्ट सौंपने को कहा है.

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