Market Outlook: चुनावी डर से उबर गया घरेलू शेयर बाजार, आई 5 महीने की सबसे शानदार तेजी
देश में लोकसभा चुनाव अपने अंतिम दौर में है और इसक साथ ही बाजार में स्थिरता लौटने लगी है. बीते सप्ताह के दौरान घरेलू बाजार ने न सिर्फ नया रिकॉर्ड हाई लेवल बना दिया, बल्कि लगातार दूसरे सप्ताह बाजार साप्ताहिक आधार पर फायदे में भी रहा. लगातार दो सप्ताह में बाजार में ऐसी तेजी आई है, जो इस साल किसी अन्य 2 लगातार सप्ताह के दौरान आई तेजी से बड़ी है.
सप्ताह के दौरान बना नए हाई का रिकॉर्ड
बीते सप्ताह के अंतिम दिन 24 मई को घरेलू बाजार लगभग स्थिर बंद हुआ. शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स मामूली 7.65 अंक (0.010 फीसदी) के नुकसान के साथ 75,410.39 अंक पर बंद हुआ. उससे पहले बाजार ने सप्ताह के दौरान 75,636.50 अंक के नए रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू दिया था. इसी तरह निफ्टी ने सप्ताह के दौरान पहली बार 23 हजार अंक के स्तर को पार किया और 23,026.40 अंक के नए उच्च स्तर तक गया. अंतिम दिन यह इंडेक्स 10.55 अंक (0.046 फीसदी) के मामूली नुकसान के साथ 22,957.10 अक पर बंद हुआ.
इस साल की अब तक की सबसे बड़ी रैली
साप्ताहिक आधार पर देखें तो 24 मई को समाप्त हुए सप्ताह में सेंसेक्स में 1,404.45 अंक यानी 1.90 फीसदी की तेजी आई. इसी तरह एनएसई के निफ्टी50 में सप्ताह के दौरान 455.10 अंक यानी 2.02 फीसदी मजबूत हुआ. उससे पहले 18 मई को समाप्त हुए सप्ताह में सेंसेक्स 1,341.47 अंक यानी 1.84 फीसदी और निफ्टी50 इंडेक्स 446.8 अंक यानी 2.02 फीसदी के फायदे में रहा था. इस तरह देखें तो बीते 2 सप्ताह में घरेलू बाजार लगभग 4 फीसदी ऊपर चढ़ चुका है. यह 2024 की अब तक की सबसे शानदार रैली है.
चुनावी अनिश्चितता से करेक्ट हुआ था बाजार
दो सप्ताह से वापस आई रैली से पहले बाजार चुनावी अनिश्चितता का शिकार हो गया था. बाजार को चुनाव परिणाम को लेकर अनिश्चितता हो रही थी, जिससे निवेशकों की धारणा पर असर पड़ रहा था. हालांकि अब पिछले दो सप्ताह के दौरान बाजार में जिस तरह की रैली आई है, उससे लगता है कि बाजार अब चुनाव के परिणाम को लेकर आश्वस्त होने लगा है.
दो सप्ताह तक दिखेगा चुनाव का असर
आने वाले सप्ताह की बात करें तो अभी बाजार पर चुनावी प्रेशर बना रह सकता है. अब तक छह चरणों के मतदान हो चुके हैं. 1 जून को सातवें व अंतिम चरण का मतदान होने वाला है. उसके बाद 4 जून को चुनाव के नतीजे सामने आएंगे. ऐसे में अभी कम से कम 2 सप्ताह तक चुनाव ही बाजार को प्रभावित करने वाला सबसे प्रमुख फैक्टर बना रहेगा.
तेज बनी रहेंगी बाजार की गतिविधियां
बाजार में एफपीआई बिकवाल बने हुए हैं. मई महीने में वे अब तक 22 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयरों को बेच चुके हैं. इससे बाजार पर कुछ प्रेशर है, लेकिन घरेलू संस्थागत निवेशकों और खुदरा निवेशकों की खरीदारी से उसका असर कम हो जा रहा है. आगामी सप्ताह के दौरान मेनबोर्ड पर एक भी आईपीओ नहीं आ रहा है, लेकिन 5 एसएमई आईपीओ और 2 नई लिस्टिंग से बाजार की गतिविधियों में तेजी बरकरार रहने वाली है.
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