Rajkot Fire: पेट्रोल-डीजल से भड़की आग, बिना NOC चल रहा था गेम जोन...राजकोट अग्निकांड का 'काला सच' आया बाहर
Rajkot Fire News: गुजरात के राजकोट में शनिवार (25 मई) को एक गेम जोन में भीषण आग लग गई, जिसमें 30 लोगों की जलकर मौत हो गई है. मरने वालों में बच्चे भी शामिल हैं. राजकोट में हुए इस भीषण हादसे के पीछे की वजह अभी तक मालूम नहीं चल पाई है. हालांकि, मिली जानकारी के मुताबिक, टीआरपी गेम जोन नाम की इस जगह पर पेट्रोल-डीजल रखा हुआ था, जिसकी वजह से आग लगने के बाद वह भड़क उठी. फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है.
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, टीआरपी गेम जोन में रखे जनरेटर को चलाने के लिए 1500 से 2000 लीटर डीजल रखा गया था. इसी तरह से यहां गो कार रेसिंग के लिए भी 1000 से 1500 लीटर पेट्रोल था. जिस वक्त आग लगी, वो फैलते हुई पेट्रोल-डीजल के डिब्बों तक पहुंच गई. इसकी वजह से आग और भी ज्यादा तेजी से भड़क उठी. यहां लगी आग इतनी ज्यादा भयंकर थी कि गेम जोन का पूरा स्ट्रक्चर जल कर राख हो गया है. इस हादसे के वक्त यहां बहुत ज्यादा लोग थे.
फायर डिपार्टमेंट के NOC बिना चल रहा था गेम जोन
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, राजकोट के डिप्टी म्यूनिसिपल कमिश्नर स्वप्निल खरे ने कहा कि टीआरपी गेम जोन ने 'फायर नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट' (एनओसी) के लिए अप्लाई नहीं किया था. उन्होंने कहा, "हम गेमिंग जोन के विवरण की जांच कर रहे हैं, लेकिन पहली नजर में ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है कि ऑपरेटरों ने फायर एनओसी के लिए आवेदन किया था, न ही उन्होंने राजकोट नगर निगम से किसी अन्य मंजूरी के लिए आवेदन किया था."
गेम जोन के पार्टनर-मैनेजर हिरासत में
राजकोट अग्निकांड के बाद पुलिस भी लगातार एक्शन में नजर आ रही है. टीआरपी गेम जोन के मैनेजर नितिन जैन और इसके एक पार्टनर युवराज सिंह सोलंकी को पुलिस ने हिरासत में लिया है. इन्हें शनिवार देर रात हिरासत में लिया गया. गेम जोन के तीन पार्टनर हैं, जिसमें प्रकाश जैन, युवराज सिंह सोलंकी और राहुल राठौड़ शामिल हैं. पुलिस अब इनसे आग लगने की वजह और यहां के दस्तावेजों को लेकर पूछताछ करने वाली है.
एंट्री फीस के लिए चल रही स्कीम से बढ़ी भीड़
दरअसल, राजकोट के टीआरपी गेम जोन में शनिवार को एंट्री फीस 99 रुपये कर दी गई थी. गर्मियों की छुट्टियां और वीकेंड होने के चलते गेम जोन की तरफ से बच्चों को लुभाने के लिए ये स्कीम चलाई जा रही थी. इस वजह से यहां बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हुए थे. चश्मदीदों का कहना है कि गेम जोन में ये हादसा उस वक्त हुआ, जब बच्चों सहित कई लोग अलग-अलग गेम्स का मजा ले रहे थे. गेम जोन की एंट्री-एग्जिट के लिए 6 से 7 फीट का एक ही रास्ता भी था.
एसआईटी करेगी राजकोट अग्निकांड की जांच
वहीं, राजकोट में हुए इस भयानक हादसे के बाद सरकार भी एक्शन में आ गई है. सरकार ने घटना की जांच अपर पुलिस महानिदेशक सुभाष त्रिवेदी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंपी है. आग लगने के बाद राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने मीडियाकर्मियों को बताया कि आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी और शहर के सभी गेमिंग जोन को ऑपरेशन बंद करने का मैसेज जारी किया गया है.
गुजरात सरकार ने मुआवजे का किया ऐलान
सरकार की तरफ से मृतकों के लिए मुआवजे का ऐलान कर दिया गया है. मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये और घायलों को 50 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राजकोट में हुए इस हादसे पर दुख जताया और हताहतों के लिए मुआवजे का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि इस घटना में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति उनकी संवेदना है. ये सुश्चित करना बेहद जरूरी है कि ऐसी घटना दोबारा नहीं हो.
राजकोट गेम जोन में लगी आग पर तीन घंटे में पाया गया काबू
गेम जोन में शनिवार शाम करीब 4.30 बजे आग लगी थी, जिस पर काबू पाने में दमकलकर्मियों को लगभग तीन घंटे लग गए. शनिवार रात 9 बजे राजकोट कलेक्टर प्रभाव जोशी ने कहा कि हमें लगभग 4:30 बजे आग की सूचना मिली थी, तुरंत एम्बुलेंस और दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची. गेम जोन की अस्थायी संरचना ध्वस्त हो गई है. आग पर दो घंटे पहले काबू पाया गया है. हम मुख्यमंत्री के साथ संपर्क में हैं.
यह भी पढ़ें: Rajkot Fire: राजकोट के 'अग्निकांड' में बच्चों समेत 30 लोग जिंदा जले, मुआवजे का ऐलान, SIT करेगी जांच